Sangeeta

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लेखनी प्रतियोगिता -30-May-2022 दिल की बगिया में

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दिल की बगिया में फूल खिलाए बैठे हैं,


बेशकीमती है जज्बात दिल से लगाए बैठे हैं,


आंखें बंद करने से चेहरा नजर  आता है,


आंखें खोलने से मन हर पल घबराता है,


पहलू में उनकी यादों के फूल खिलाए बैठे हैं


दिल की बागवानी को गुलिस्तां बनाए बैठे है।


संगीता वर्मा✍✍

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9 Comments

Rajeev pandey

01-Jun-2022 09:50 AM

👍

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Shnaya

31-May-2022 09:19 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Punam verma

31-May-2022 02:50 PM

Nice

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